Shefali Verma interview शेफाली ने कहा कि मेरी नजर गेंद पर रहती है और अपना प्राकृतिक खेल खेलने में विश्वास रखती हूं। मैं खुद कम बोलती हूं लेकिन प्रयास रहता है कि मैदान में उतरने के बाद मेरा बल्ला जरूर बोले।
महिला विश्व कप में भारतीय टीम का खास प्रदर्शन नहीं रहा। लेकिन श्रीलंका दौरा बेहतर रहा। भारतीय महिला टीम ने श्रीलंका से आसानी से एक दिवसीय श्रृंखला अपने नाम की है। रोहतक की शेफाली वर्मा ने विस्फोटक बल्लेबाजी की और श्रृंखला में दोनों ही टीमों में सबसे ज्यादा रन बनाने में कामयाब रही। श्रीलंका का प्रदर्शन राष्ट्रमंडल खेलों में भी कायम रखने का प्रयास रहेगा। भारतीय टीम की विस्फोटक बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ ओपी वशिष्ठ से बातचीत की।
उत्तर : भारतीय टीम की तैयारी बेहतर है। बेंगलुरु में टीम का प्रशिक्षण शिविर था। बल्ले- गेंद और क्षेत्ररक्षण को लेकर खिलाड़ियों ने काफी मेहनत की है। अभी-अभी श्रीलंका दौरे में सीरिज जीतकर लौटे हैं। टीम को इसका भी
फायदा मिलेगा क्योंकि टीम में उत्साह है। राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय टीम गोल्ड के साथ वतन लौटेगी, यह उम्मीद है। देशवासियों की दुआएं और शुभकामनाएं हमारे साथ हैं। श्रीलंका दौरे में बेहतर प्रदर्शन के बाद एक दिवसीय रैंकिंग में भी इजाफा हुआ है।
उत्तर : टीम हर मैच और हर टीम के साथ एक खास रणनीति के साथ मैदान पर उतरती हैं। यह मैच से ठीक पहले टास जीतने के बाद कप्तान और टीम के सदस्य मिलकर बनाते हैं। मैं खुद की बात करूं तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किस टीम के साथ मैच है और सामने गेंदबाजी कौन कर रहा है। मेरी नजर गेंद पर रहती है और अपना प्राकृतिक खेल खेलने में विश्वास रखती हूं। मैं खुद कम बोलती हूं, लेकिन प्रयास रहता है कि मैदान में उतरने के बाद मेरा बल्ला जरूर बोले। पाकिस्तान के खिलाफ मैच का भी हमें बेसब्री के साथ इंतजार है।
उत्तर : हां, यह बात तो है। टीम के साथ काफी व्यस्तता चल रही है। पहले विश्व कप, अभी श्रीलंका दौरा खत्म हुआ है। इसके बाद बेंगलुरु में प्रशिक्षण शिविर लग गया। अब राष्ट्रमंडल खेलों की रवानगी। राष्ट्रमंडल खेलों में रवाना होने से पहले तीन दिन घर पर आने का अवसर मिला, उसमें भी दो दिन वीजा बनवाने और अन्य कार्याें में बीत गया। घर में परिवार के साथ मुश्किल से एक दिन भी नहीं रह सकी। लेकिन करियर जरूरी है। तिरंगे के लिए खेलना हर किसी को अवसर नहीं मिलता। मुझे गर्व है कि मैं भारतीय टीम का हिस्सा हूं। अब मेरे दो परिवार है, एक परिवार में मेरी मां, पापा, भाई व अन्य सदस्य हैं। दूसरे परिवार में भारतीय टीम हैं, जिसमें मैनेजर, कोच व टीम के खिलाड़ी हैं। इसलिए परिवार से दूर नहीं होती। एक परिवार से दूर होती हूं तो दूसरे परिवार के साथ रहती हूं।