Pradosh Vrat September 2024: पितृ पक्ष में सितंबर महीने का दूसरा प्रदोष व्रत आने वाला है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।.
श्राद्ध पक्ष चल रहे हैं। इस दौरान भगवान शिव की पूजा को समर्पित प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। हर माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस व्रत में शाम के समय भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है। इस बार प्रदोष व्रत की सही तिथि को लेकर थोड़ा असमंजस की स्थिति है।
पितृ पक्ष में प्रदोष व्रत: पंडित रिभुकांत गोस्वामी के अनुसार आश्विन मास में 30 सितंबर दिन सोमवार को प्रदोष व्रत रखा गया है। इसलिए इसे प्रदोष व्रत कहा जाएगा। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 सितंबर को शाम 04:47 बजे प्रारंभ होगी और प्रदोष व्रत 30 सितंबर को शाम 07:06 बजे समाप्त होगा।
भद्राकाल: भद्राकाल 30 सितंबर को शाम 07:06 बजे से शुरू होगा। यह 01 अक्टूबर को सुबह 06:14 बजे समाप्त होगा।
आश्विन मास का पहला रवि प्रदोष व्रत इस साल 29 सितंबर 2024 रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का पावन पर्व शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक रहेगा। इस समय पूजा करना शुभ रहेगा।
शास्त्रों में रवि प्रदोष व्रत का बहुत ही विशेष महत्व है। रवि प्रदोष व्रत करने से साधकों को सभी प्रकार के कष्टों और दुखों से मुक्ति मिलती है। साथ ही साधक को दीर्घायु का वैभव और संतत्व की प्राप्ति भी होती है। रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य देव की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।