दुनिया भर में टी20 फ्रेंचाइजी लीग के शुरू होने से क्लब बनाम राष्ट्रीय टीम की बहस ने कई क्रिकेट खेलने वाले देशों को प्रभावित किया है। बीसीसीआई ने पिछले दिनों इसका तोड़ निकाला। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा था कि राष्ट्रीय टीम में जगह पाने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी है। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद रोहित शर्मा ने भी इसका समथर्न किया।
रांची में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-1 से बढ़त बनाने के बाद रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ी बात कही थी। रोहित ने आईपीएल बनाम घरेलू क्रिकेट के सवाल पर तगड़ा जवाब दिया। रोहित शर्मा ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में अवसर केवल उन लोगों को मौके दिए जाएंगे जो इस प्रारूप में खेलने के लिए भूख दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर हैं उन्हें भी यह पता है कि बिना भूख के आप अपनी जगह नहीं बना सकते।
रोहित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ये सबसे टफ फॉर्मेट है, और टफ फॉर्मेट में सफलता चाहिए तो भूख रहना बहुत जरूरी है। जिन लड़कों को भूख है, हम उन्हें मौका देंगे। जिनको भूख नहीं वो पता चल जाता है। और किन लोगों को यहां पर रहना नहीं हैं। वो पता चलता है। जिन लोगों को भूख है जिन लोगों को यहां रखकर परफॉर्म करना है। कठिन परिस्थिति में खेलना है उन लड़कों को मौका दिया जाएगा।
रोहित ने आगे कहा, अगर भूख नहीं है तो उनको खिला के कोई मतलब नहीं है। अभी मुझे कोई ऐसा दिखता नहीं है, जिसमें भूख नहीं है। जितने भी लड़के यहां पर हैं जो लड़के यहां पर नहीं भी हैं। उन सबको खेलना है। हमने देखा है हम सब के साथ ऐसा होता है। मौके बहुत कम मिलते हैं। अगर आप मौके को भुना नहीं पाएंगे तो मौका चला जाएगा। जो मौके का उपयोग करता है जो टीम को जिताता है तो ज्यादा मौके दिए जाते हैं।
गौरतलब हो कि रोहित ने जिस भूख की बात की थी वह यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, आकाश दीप जैसे युवा खिलाड़ियों दिखी। सीनियर खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में इन खिलाड़ियों ने मौके का उपयोग किया और अपने प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाई। यही नहीं बीसीसीआई ने उन्हें तोहफा दिया है। बुधवार को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की लिस्ट जारी की। इसमें इन युवा खिलाड़ियों को शामिल किया। वहीं, ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को बाहर कर दिया है।