मोर्ने मोर्केल ने कहा है कि वह इंग्लैंड पहुंचते ही नर्वस हो गए थे। मोर्केल टीम इंडिया के कोच हैं और उन पर इस मुश्किल दौर पर भारत के गेंदबाजों को निखारने की जिम्मेदारी है। साउथ अफ्रीका के पूर्व गेंदबाज ने बताया है कि टीम इंडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है
भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल का कहना है कि इंग्लैंड की परिस्थितियों में निरंतरता बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा। साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि इंग्लैंड के विरुद्ध 20 जून से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज से पहले टीम को लाल गेंद से खेलने का कम मौका मिला, जिससे वह थोड़ा नर्वस हैं।
मोर्कल ने भारत के अभ्यास सत्र से इतर कहा, मुझे लगता है कि इंग्लैंड में निरंतरता बनाए रखना महत्वपूर्ण है और जब हम अभ्यास करते हैं तो इसमें निरंतरता होती है, मैदान के बाहर भी निरंतरता होती है। हमारे खिलाड़ियों को उस प्रक्रिया को ढूंढना होगा जो उनके खेल के अनुकूल हो। हमारे आक्रमण में विविधता है, हमारे पास अलग-अलग कौशल वाले खिलाड़ी हैं, इसलिए वे ऐसा कर सकते हैं और साथ ही 'बेसिक्स' पर भी अच्छी तरह से अमल कर सकते हैं।
भारत ने जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सिडनी टेस्ट के बाद से लाल गेंद से क्रिकेट नहीं खेला है। इसके अलावा साई सुदर्शन, यशस्वी जायसवाल जैसे कई खिलाड़ी हैं, जो इंग्लैंड में पहली बार खेलेंगे। मोर्कल ने कहा, कुल मिलाकर मैं अभी तक की तैयारी से बहुत खुश हूं। हमने हाल में लाल गेंद से कम क्रिकेट खेली है जिससे मैं थोड़ा नर्वस था, लेकिन पिछले तीन दिनों में खिलाड़ियों ने जिस तरह से अभ्यास किया उसे देखकर अच्छा लगा। हमारे पास एक शानदार टीम है। यह बेहद ऊर्जावान है और आपको इसी की जरूरत है। आपको आत्मविश्वास के साथ उतरना होगा और टीम भावना रखनी होगी।
आज से टीम इंडिया के खिलाड़ी आपस में अभ्यास मैच खेलेंगे जिसका मकसद इंग्लैंड सीरीज के लिए सही टीम संयोजन तलाशना होगा। टीम के लिए ये दौरा चुनौतीपूर्ण है क्योंकि इस बार टीम के साथ उसके दो अनुभवी बल्लेबाज नहीं हैं। रोहित शर्मा और विराट कोहली ने इस दौरे से पहले टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।