भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया। बोर्ड ने आईपीएल 2025 से पहले डोमेस्टिक ट्वेंटी-20 प्रतियोगिता सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) से Impact Player Rule को हटा दिया है।
इस बात की काफी संभावना थी कि घरेलू क्रिकेट से यह रूल हट सकता है। हालांकि, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में यह नियम रहेगा। BCCI ने सभी IPL फ्रेंचाइजियों को सूचित किया था कि इस नियम को IPL के अगले सीजन के लिए बरकरार रखा जाएगा।
Syed Mushtaq Ali Trophy की शुरुआत 23 नवंबर से होगी और यह 15 दिसंबर तक चलेगा। बीसीसीआई ने कहा है, "बीसीसीआई ने इस सीजन में 'इम्पैक्ट प्लेयर' रूल को खत्म करने का फैसला किया है।" बोर्ड ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में गेंदबाजों को एक ओवर में दो बाउंसर फेंकने देने का फैसला बरकरार रखा है।
किसी ओवर खत्म होने के बाद, विकेट गिरने या फिर किसी खिलाड़ी के चोटिल होने के बीच ही इम्पैक्ट प्लेयर को मैदान पर उतार जा सकता है। बीच मैच में इस नियम का उपयोग नहीं किया जा सकता था। कोई बल्लेबाज जो बैटिंग कर चुका है या कोई गेंदबाज जो अपने कोटे के ओवर फेंक चुका है, उसके बदले इम्पैक्ट प्लेयर का यूज किया जा सकता था।
अगर मैच 10 या इससे कम ओवर का होता था तो यह नियम लागू नहीं होता था। कोई टीम इस नियम को मानने के लिए बाध्य नहीं थी। इस नियम से टीम को 1 अतिरिक्त गेंदबाज या बल्लेबाज मिल जाता था। अगर किसी प्लेयर का दिन खराब होता था तो इम्पैक्ट प्लेयर कुछ हद तक उसकी भरपाई कर देता था।
इससे पहले साल 2005 में ICC सब्सटीट्यूट का यह नियम आजमा चुका है। तब इसे 'सुपर सब' के नाम से जाना जाता था। बिग बैश में भी ऐसा नियम है। ऑस्ट्रेलिया की टी-20 लीग में इसे एक्स फैक्टर के नाम से जाना जाता है।
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