भारतीय क्रिकेट टीम ने खिलाड़ियों की फिटनेस सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। रग्बी से जुड़ा ब्रोंको टेस्ट अब बीसीसीआई के बेंगलुरु स्थित 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' में शुरू हो गया है। यह नया फिटनेस टेस्ट खिलाड़ियों की एरोबिक क्षमता, सहनशक्ति और मैच की तैयारी को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। खासकर तेज़ गेंदबाज़ों को अब सिर्फ़ जिम पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, बल्कि उनकी ट्रेनिंग में दौड़ने पर ज़्यादा ज़ोर दिया जाएगा। खिलाड़ियों को यह टेस्ट 6 मिनट में पास करना होगा।
ब्रोंको टेस्ट शुरू करने के पीछे मकसद यह है कि भारतीय खिलाड़ी जिम में ज़्यादा समय बिताने के बजाय मैदान पर ज़्यादा दौड़ें। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में यह टेस्ट शुरू हो चुका है।
ब्रोंको टेस्ट में तीन चरण होते हैं। एक खिलाड़ी को 20 मीटर शटल रन से शुरुआत करनी होगी। इसके बाद उसे 40 मीटर और 60 मीटर दौड़ना होगा। एक सेट में कुल दूरी 240 मीटर होगी। एक खिलाड़ी को कुल 5 सेट करने होंगे। जिसकी दूरी 1200 मीटर होगी। खिलाड़ी को बिना रुके 6 मिनट में यह टेस्ट पास करना होगा।
ब्रोंको टेस्ट का सुझाव टीम के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच एंड्रियन ले रॉक्स ने दिया था. भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने इस पर सहमति जताई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई खिलाड़ियों ने बेंगलुरु जाकर टेस्ट दे भी दिया है.
एक सूत्र ने बताया, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' में ब्रोंको टेस्ट शुरू किया गया है। भारत के कुछ अनुबंधित खिलाड़ी बेंगलुरु पहुँचे और यह टेस्ट दिया। ब्रोंको टेस्ट का इस्तेमाल खिलाड़ियों की फिटनेस के लिए एक स्पष्ट मानक तय करने के लिए किया जा रहा है। यह भी देखा गया कि भारतीय क्रिकेटर, खासकर तेज़ गेंदबाज़, पर्याप्त दौड़ नहीं रहे थे और जिम में ज़्यादा समय बिता रहे थे। खिलाड़ियों को अब साफ़ तौर पर बता दिया गया है कि उन्हें अपनी ट्रेनिंग में दौड़ने पर ज़्यादा ध्यान देना होगा।
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