विराट (Virat Kohli) के फैसले के पीछे बीसीसीआई के एक सूत्र ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा कि विराट जानते थे कि उन्हें सफेद गेंद के फॉर्मेटों की कप्तानी से हटा दिया जाएगा. अगर टीम टी20 विश्व कप में बेहतर नहीं करती है, तो उन्हें सफेद गेंद के नेतृत्व से हाथ धोना ही होगा
नयी दिल्ली: भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने वीरवार को विश्व कप (T20 World Cup) के बाद टी20 फॉर्मेट से कप्तानी छोड़ने का फैसला कर अपने चाहने वालों को चौंका दिया. बहरहाल, कुछ रिपोर्टों और सूत्रों के हवाले से खबरें इस तरह की भी आ रही हैं कि विराट ने बीसीसीआई (BCCI) और सेलेक्टरों को सुझाव दिया है कि रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को व्हाइट-बॉल फॉर्मेट के संस्करणों के उप-कप्तान पद से हटा दिया जाए. सूत्रों के अनुसार विराट केएल राहुल को वनडे और ऋषभ पंत को टी20 में उप-कप्तान पद पर चाहते हैं और इसके पीछे उन्होंने बोर्ड को अपने तर्क भी दिए हैं. अब बीसीसीआई विराट की बात मानता है या नहीं, यह देखने वाली बात होगी.
विराट के सुझाव के पीछे वजह यह है कि रोहित शर्मा 34 साल के हो चुके हैं और भविष्य के लिहाज से ऐसा खिलाड़ी टीम का उप-कप्तान हो जो आने वाले सालों में लंबे समय तक कप्तान पद पर योगदान दे सके. बहरहाल, विश्व कप के बाद टी20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला लेटर के जरिए सुनाते हुए कहा कि यह एक ऐसा फैसला रहा, जिस तक पहुंचने में उन्हें बहुत ही ज्यादा समय लगा. और फैसला लेने से पहले उन्होंने अपने "नजदीकी लोगों", रवि शास्त्री और रोहित शर्मा के साथ भी विमर्श किया.
बहरहाल, विराट के फैसले के पीछे बीसीसीआई के एक सूत्र ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा कि विराट जानते थे कि उन्हें सफेद गेंद के फॉर्मेटों की कप्तानी से हटा दिया जाएगा. अगर टीम टी20 विश्व कप में बेहतर नहीं करती है, तो उन्हें सफेद गेंद के नेतृत्व से हाथ धोना ही होगा. सूत्र ने कहा कि अब कप्तानी छोड़ने की बात कहकर विराट ने खुद के ऊपर थोड़ा दबाव कम कर लिया है क्योंकि इससे यह संदेश जाएगा कि वह यहां खुद अपनी शर्तों पर हैं.
बीसीसीआई सूत्र ने यह भी दावा किया कि कोहली कभी भी संवाद के लिए उपलब्ध नहीं रहते. एमएस धोनी के मामले उनका कमरा चौबीसों घंटे खुला रहता था और खिलाड़ी उनके कमर में आकर वीडियो गेम खेल सकते थे, खाना खा सकते थे और माही से जरूरत पड़ने पर अपने खेल को लेकर बात कर सकते थे, लेकिन मैदान के बाहर कोहली से संवाद कायम कर पाना लगभग असंभव है. सूत्र ने कहा कि रोहित में एमएस के लक्षण हैं, लेकिन यह अलग तरह से हैं. वह जूनियर खिलाड़ियों को खाने पर लेकर जाते हैं. जब वे बुरे दौर से गुजर रहे होते हैं, तो उनके साथ बात कर उनका हौसला बढ़ाते हैं और खिलाड़ी की मनोदशा के बारे में जानने की पूरी कोशिश करते हैं.