Vijay Hazare Trophy 2021: पृथ्वी शॉ ने फाइनल में वहीं से शुरुआत की, जहां उन्होंने सेमीफाइनल में छोड़ा था. और यूपी से मिले 313 के टारगेट का पीछा करते हुए उनका बल्ला शुरुआत से ही गेंदबाजों पर झमाझम बरसा. और जब वह 39 गेंदों पर 73 रन बनाकर 10वें ओवर में आउट हुए, तब तक वह यशस्वी जयसवाल के साथ पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़कर अपना काम कर चुके थे.
खेले जा रहे देश की सर्वोच्च घरेलू वनडे टूर्नामेंट विजय हजारे (Vijay Hazare Final) के तहत रविवार को खेले जा रहे फाइनल में भी पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने वही किया, जो वह अब तक करते आ रहे हैं. पृथ्वी शॉ ने फाइनल में आतिशी तेवर दिखाते हुए उत्तर प्रदेश (Mum vs Up) के गेंदबाजों की अच्छी खासी धुलाई की. बस इस बार बड़ा अंतर यही रहा कि पृथ्वी (Prithvi Shaw) अपने तेज 73 रन को शतक में तब्दील नहीं कर सके और उनके चाहने वालों का टूर्नामेंट में पांचवां शतक बनाने की चाह मन में ही रह गयी. लेकिन इस पारी के साथ ही पृथ्वी ऐसा रिकॉर्ड बना गए, जिसे तोड़ना किसी भी बल्लेबाज के लिए खासा चैलेंज रहेगा.
पृथ्वी शॉ ने फाइनल में वहीं से शुरुआत की, जहां उन्होंने सेमीफाइनल में छोड़ा था. और यूपी से मिले 313 के टारगेट का पीछा करते हुए उनका बल्ला शुरुआत से ही गेंदबाजों पर झमाझम बरसा. और जब वह 39 गेंदों पर 73 रन बनाकर 10वें ओवर में आउट हुए, तब तक वह यशस्वी जयसवाल के साथ पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़कर अपना काम कर चुके थे. पृथ्वी ने 10 चौके और 4 छक्के लगाए, लेकिन वह इस बार शतक नहीं जड़ सके, जो जारी टूर्नामेंट में उनका पांचवां शतक होता.
बहरहाल, इस पारी के साथ पृथ्वी ने वह कारनामा कर दिखाया, जो भारतीय घरेलू क्रिकेट में पहले कोई बल्लेबाज नहीं कर सकता था. और अगर वास्तव में वह 0 पर भी आउट हो जाते, तो उनके लिए यही कहा जाता, लेकिन अब उन्होंने चैलेंज को बड़ा कर दिया है. पृथ्वी शॉ टूर्नामेंट के करीब 18 साल के इतिहास में किसी एक संस्करण में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए. फाइनल में उनकी बल्लेबाजी खत्म होने के साथ ही पृथ्वी ने 8 मैचों की इतनी ही पारियों में 206.75 के औसत से से 827 रन बनाए. किसी बल्लेबाज के लिए उनके रनों के ही नहीं, बल्कि औसत को पीछे छोड़ने के लिए भी बहुत जोर लगाना पड़ेगा. टूर्नामेंट में पृथ्वी ने चार शतक और 1 अर्द्धशतक जड़ा. उनका स्ट्राइक रेट 138.52 का रहा. और उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 105 चौके और 25 छक्के लगाए. इस प्रदर्शन के साथ ही इस युवा ओपनर ने राष्ट्रीय सेलेक्टरों को मैसेज भी भेज दिया है कि उन्होंने फॉर्म हासिल कर ली है. टूर्नामेंट में दूसरे नंबर पर कर्नाटक के देवदत्त पडिक्कल रहे, जिन्होंने 7 मैचों में 147.40 के औसत से 737 रन बनाए थे.