नई दिल्ली: श्रीलंका और वेस्ट इंडीज के बीच चल रहे पहले वनडे के दौरान कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों को दंग कर दिया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की टीम की ओर से ओपनर दनुष्का गुणाथिलाका शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे। दनुष्का ने फिफ्टी ठोंक डाली, इतने में कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें अंपायर ने बिना आउट हुए पवेलियन भेज दिया।
श्रीलंका के बल्लेबाज दानुष्का गुणाथिलाका को सबसे असामान्य अंदाज में आउट किया गया। दरअसल, ये वाकया 22वें ओवर की पहली गेंद पर नजर आया। कीरोन पोलार्ड ने जैसे ही बॉल डाली, धनुष्का ने इस पर एक रन लेना चाहा, लेकिन बॉल वहीं नजदीक गिर पड़ी। इसके बाद ये बॉल उनके पैर में अटक गई। .
दनुष्का पीछे की ओर हटने लगे तो अनजाने में गेंद को गेंदबाज से दूर धकेल दिया। इसके बाद पोलार्ड ने आउट की अपील कर दी और अंपायर ने उन्हें फील्ड पर बाधा पहुंचाने की वजह से पवेलियन भेज दिया। पोलार्ड ने तुरंत अपील की। थर्ड अंपायर को बुलाया गया, जिसमें सॉफ्ट सिग्नल बाहर था।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर टॉम मूडी उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने कहा कि बल्लेबाज द्वारा बाधा कुछ भी नहीं, लेकिन इच्छाशक्ति थी। वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर डेरेन सैमी ने भी कहा कि उन्होंने विकेट के लिए अपील नहीं की होगी। दनुष्का के आउट होने के बाद श्रीलंकाई टीम संकट में नजर आई। टीम ने 41 ओवर में 7 विकेट खोकर 194 रन बनाए हैं।
दनुष्का के इस तरह आउट करार दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। कई क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि उन्होंने ऐसा जानबूझकर नहीं किया, तो किसी का कहना है कि गलती उन्हीं की थी। क्रिकेट में ओब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड के नियम के तहत फील्ड पर बाधा पहुंचाने के लिए दोषी करार देते हुए आउट माना जाता है।