तुषार देशपांडे और तनुष कोटियन ने 10वें और 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शतक जमाया। यह फर्स्ट क्लास के इतिहास में दूसरी बार हुआ, जब 10वें और 11वें पर शतकीय पारी खेली। मुंबई 337 रनों पर 9वां विकेट गंवाया था, लेकिन इसके बाद तुषार और तनुष की जोड़ी ने बल्ले से धमाल मचाया। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 1946 के बाद ये पहली बार हुआ, जब एक ही पारी में 10वें और 11वें नंबर के बल्लेबाजों ने शतक लगाए।
इससे पहले 1946 के इंग्लैंड दौरे पर एक टूर मैच में चंदू सरवटे और शुते बनर्जी ने ये कारनामा किया था। इन दोनों खिलाड़ियों ने सरे काउंटी क्रिकेट क्लब के खिलाफ ये कारनामा किया था।
तुषार देशपांडे और तनुश कोटियन की जोड़ी ने अपने नाम बड़ा रिकॉर्ड दर्ज करा लिया है। तनुश-तुषार की जोड़ी भारत की ओर से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10वें और 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शतक जमाने वाली महज दूसरी जोड़ी है।
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इससे पहले यह कारनामा चंदू सरवटे और शुते बनर्जी की जोड़ी ने किया था। घरेलू क्रिकेट में भारत की ओर से यह महज तीसरा मौका है, जब 10वें विकेट के लिए किसी जोड़ी ने 200 से ज्यादा रन की साझेदारी जमाई है।बता दें कि तुषार देशपांडे का अब रणजी ट्रॉफी में 11वें नंबर पर सर्वोच्च स्कोर है।
अगर बात करें रणजी ट्रॉफी के दूसरे क्वार्टर फाइनल मैच ड्रॉ रहा। मुंबई की टीम ने पहली पारी में 384 रन बनाए।इसके जवाब में बडौदा टीम 348 रन बनाए। मुंबई की टीम ने दूसरी पारी में 569 रन बनाए। इसके जवाब में बडौदा 121 रन बना सकी।
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