WTC Final 2023 IND vs AUS
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में टॉस अहम किरदार निभाएगा। ओवल के मैदान पर टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने वाली टीम का बोलबाला रहा है। ओवल में पहले फील्डिंग करने वाली टीम औंधे मुंह गिरी है।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भिड़त के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम पूरी तरह से तैयार हैं। दोनों टीम के लाइनअप को देखते हुए यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि खिताब किसकी झोली में जाएगा। हालांकि, डब्ल्यूटीसी के फाइनल मैच में टॉस काफी अहम रहने वाला है। कैसे और क्यों चलिए वो आपको समझाते हैं।
क्यों होगा टॉस महत्वपूर्ण?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला द ओवल के मैदान पर खेला जाना है। ओवल के मैदान पर अब तक कुल 104 टेस्ट मैच खेले गए हैं, जिसमें से पहले बैटिंग करने वाली टीम ने 88 मैचों में जीत का स्वाद चखा है। वहीं, टॉस जीतने या गंवाने के बाद पहले फील्डिंग करने उतरी टीम सिर्फ 29 मैचों में मैदान मार सकी है। यानी आंकड़ों की मानें तो टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने वाली टीम की ओवल में तूती बोलती है।
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कैसा है ओवल में टीम इंडिया का रिकॉर्ड?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबले द ओवल के मैदान पर खेला जाना है। इस मैदान पर टीम इंडिया ने अब तक कुल 14 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से भारतीय टीम के हाथ सिर्फ दो में जीत लगी है। वहीं, 5 मैचों में टीम ने हार का मुंह देखा है।
कैसी खेलती है ओवल की पिच?
ओवल की पिच पर बल्लेबाजों का आमतौर पर बोलबाला रहता है। पिछले दस साल में इंग्लैंड के बाकी मैदानों की मुकाबले टेस्ट में सबसे तेजी से रन इसी मैदान पर बने हैं। हालांकि, यह पहला मौका है, जब ओवल में कोई टेस्ट मैच पहली बार जून में खेला जा रहा है। ऐसे में पिच एकदम फ्रेश होगी और शुरुआत में तेज गेंदबाजों को काफी मदद भी मिल सकती है।
तेज गेंदबाज होंगे असरदार?
ओवल की पिच पर तेज गेंदबाज भी अहम योगदान देते हैं। इंग्लैंड के इस ग्राउंड पर हर 54वीं गेंद या फिर 30 रन बनने के बाद आमतौर पर एक विकेट गिरता है। शुरुआती दो पारियों में फास्ट बॉलर्स असरदार साबित होते हैं। वहीं, तीसरी और चौथी पारी में स्पिन गेंदबाज अपनी फिरकी का जाल बुनते हैं।