भारतीय महिला रेसलर Vinesh Phogat 100 ग्राम वजन बढ़ने की वजह से फाइनल से पहले पेरिस ओलंपिक से डिसक्वालिफाई हो गईं। उनके डिसक्वालिफाई होने के बाद हर कोई निराश हैं।
जहां महिला 50 किलोग्राम रेसलिंग के फाइनल में पहुंच गई थी, लेकिन मैच से पहले बढ़ते वजन की वजह से वह मेडल से चूक गईं। इसके बाद उन्होंने कुश्ती से संन्यास का एलान कर दिया। उन्होंने इसके साथ ही विनेश ने डिसक्वालीफाई होने के बाद 'कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स' (सीएएस) में याचिका दायर की थी।विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल की आस पूरे देश को है। जानकारी के मुताबिक CAS आज ही 9 अगस्त, शुक्रवार) को अपना फैसला सुनाएगा। कुछ देर में फैसला सबसे सामने होगा। विनेश फोगट की अपील का प्रतिनिधित्व प्रसिद्ध वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया द्वारा किया जाएगा। इस बीच सचिन तेंदुलकर ने अपने एक्स पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि हम सब उम्मीद करते है कि विनेश को सिल्वर मेडल मिलना चाहिए।
सचिन ने अपने एक्स पर लिखा कि हर खेल के कुछ नियम होते हैं और उन नियमों को संदर्भ में देखने की जरूरत है। हो सकता है कि कई बार दोबारा भी विनेश फोगाट ने फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया हो। वजन के आधार पर उसकी अयोग्यता फाइनल से पहले हुई थी, और इसलिए उसके लिए योग्य रजत पदक छीन लिया जाना तर्क और खेल की समझ से परे है।
सचिन ने आगे लिखा कि यह समझ में आता अगर किसी एथलीट को प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं के उपयोग जैसे ड्रग्स लेने के बाद इसे अयोग्य घोषित कर दिया जाता। उस स्थिति में किसी भी पदक से सम्मानित नहीं किया जाना और अंतिम स्थान पर रखा जाना उचित होगा। हालांकि विनेश ने शीर्ष दो में पहुंचने के लिए अपने विरोधियों को हराया। वह निश्चित रूप से रजत पदक की हकदार है।
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