भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने बुधवार को पूर्व और युवा क्रिकेटरों के साथ 1983 वर्ल्ड कप जीतने का जश्न मनाया। 25 मई 1983 को भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर खिताब जीता था। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने लॉर्ड्स के मैदान पर ट्रॉफी उठाई थी। युवा क्रिकेटरों के साथ जश्न मनाने की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया पर शेयर की हैं।
पूर्व भारतीय ऑलराउंडर और मुख्य कोच रवि शास्त्री ने बुधवार को सोशल मीडिया पर कुछ पुराने और आजके युवा क्रिकेट सितारों के साथ 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप की ऐतिहासिक जीत के जश्न के कुछ पल साझा किए। 25 जून को, भारत ने लंदन के प्रतिष्ठित लॉर्ड्स स्टेडियम में दो बार के चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर अपना पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप खिताब हासिल करके क्रिकेट जगत को चौंका दिया था।
कपिल देव की कप्तानी में इस जीत ने भारतीय टीम को क्रिकेट जगत एक नई शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया था। साथ ही आने वाले समय में भारतीय टीम का भविष्य निर्धारित कर दिया था। 1983 वर्ल्ड कप जीत का जश्न मनाने की तस्वीरें रवि शास्त्री ने अपने इंस्टाग्राम पर साझा कीं हैं।
इसमें वह पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष रोजर बिन्नी, सुनील गावस्कर और भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ केक कटते हुए नजर आए। जश्न मनाने वाले कुछ अन्य क्रिकेटरों में पूर्व भारतीय ऑलराउंडर और वर्तमान मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर और तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज शामिल थे।
1983 में, वर्ल्ड कप का फाइनल भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था। कपिल देव की अगुआई वाली टीम सिर्फ 183 रन ही बना पाई। एंडी रॉबर्ट्स ने तीन विकेट लिए, जबकि मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग और लैरी गोम्स ने दो-दो विकेट लिए। भारत के लिए श्रीकांत (38) शीर्ष स्कोरर रहे। 183 रनों का बचाव करते हुए, भारत ने विंडीज के रन फ्लो पर लगाम लगाते हुए टीम को 57/3 पर ला दिया।
इसके तुरंत बाद कैरेबियाई टीम का स्कोर 76/6 हो गया। यहां से मैच पूरी तरह भारत की झोली में चला गया। मोहिंदर अमरनाथ ने माइकल होल्डिंग का अंतिम विकेट लेकर भारत को अपना पहला वर्ल्ड कप खिताब दिलाया। फाइनल में वेस्टइंडीज की टीम 140 रन पर ढेर हो गई और परिणामस्वरूप भारत ने मैच 43 रन से जीत लिया।
लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड की बालकनी में कपिल देव द्वारा ट्रॉफी उठाना आज भी सभी भारतीय प्रशंसकों के लिए यादगार तस्वीर है। फाइनल में मोहिंदर अमरनाथ को मैन ऑफ द मैच चुना गया। उन्होंने बल्ले से 26 रन बनाए और गेंद से तीन विकेट भी लिए। इसके बाद भारत ने दूसरी बार 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में खिताब जीता।