सभी की नजरें इस पर लगी हुई थीं कि साल 2013 में स्पॉट फिक्सिंग के चलते आजीवन प्रतिबंधन झेलने वाले श्रीसंत कैसा प्रदर्शन करते हैं. श्री के इस बैन को हाईकोर्ट ने सात साल में तब्दील कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने क्लब स्तर पर कई मैच खेले और लिस्ट ए मुकाबलों में यह उनका सालों बाद पहला मुकाबला रहा.
नई दिल्ली: टीम इंडिया के लिए खेल चुके तेज गेंदबाज श्रीसंत (Sreesanth) की इतनी यादें टीम इंडिया के साथ जुड़ी हैं कि वह अभी भी अपने प्रदर्शन के जरिए क्रिकेटप्रेमियों के दिले में बसे हुए हैं. बहरहाल, इस तेज गेंदबाज ने करीब सात साल बात स्तरीय क्रिकेट में वापसी की. और दिखाया कि भले ही वह सालों से क्रिकेट से दूर रहे हों, लेकिन उनकी गेंदों में बल्लेबाजों को छकाने का दम अभी भी बाकी है. श्रीसंत (SreeSanth) ने खेली जा रही सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Mushtaq Ali Trophy) के तहत सोमवार को मुंबई के वानखड़े स्टेडियम में पुडुचेरी के खिलाफ मैच से वापसी की.
सभी की नजरें इस पर लगी हुई थीं कि साल 2013 में स्पॉट फिक्सिंग के चलते आजीवन प्रतिबंधन झेलने वाले श्रीसंत कैसा प्रदर्शन करते हैं. श्री (Sreesanth) के इस बैन को हाईकोर्ट ने सात साल में तब्दील कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने क्लब स्तर पर कई मैच खेले और लिस्ट ए मुकाबलों में यह उनका सालों बाद पहला मुकाबला रहा.
टी-20 मुकाबले में श्रीसंत ने कोटे के चार ओवरों में 29 रन देकर एक विकेट चटकाया. जहां पहला ओवर फेंकने वाले बासिल थंपी को कोई विकेट नहीं मिला, तो श्रीसंत का यह विकेट उनके बारे में बताने के लिए काफी है. श्रीसंत फिट दिखायी पड़े. हालांकि, उनके एक्शन में और डिलीवर में कुछ अंतर जरूर दिखायी पड़ा, लेकिन गेंद पड़ने के बाद पहले जैसी ही बाहर निकल रही थी. श्रीसंत ने पुडुचेरी के ओपनर फाबिद अहमद को बाहर जाती बेहतरीन गेंद पर बेहतरीन बोल्ड किया. श्रीसंत का यह प्रदर्शन निश्चित ही केरल एसोसिएशन के अधिकारियों के चेहरे पर खुशी लाएगा और उम्मीद है कि श्री आने वाले मैचों में और बेहतर प्रदर्शन करेंगे.