पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की मैनेजमेंट और कोचिंग स्टाफ में बार-बार बदलाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने रिजल्ट के आधार पर कोचों और खिलाड़ियों को बर्खास्त करने के लिए पीसीबी की कड़ी आलोचना की है।
बता दें कि एशिया कप और वनडे वर्ल्ड कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बाबर आजम ने तीनों प्रारूपों से कप्तानी छोड़ दी। वहीं कोचिंग स्टाफ में भी बदलाव देखने को मिले। इससे पहले पूर्व टीम निदेशक मिकी आर्थर पहले ही बता चुके हैं कि खिलाड़ी अक्सर प्रदर्शन से अधिक टीम में अपनी जगह सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देते हैं।
वहीं अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आर्थर फिर से टीम निदेशक के रूप में वापस लौट सकते हैं। 2019 से 2021 तक मुख्य कोच और मुख्य चयनकर्ता के रूप में कार्यभार संभालने वाले मिस्बाह ने बार-बार स्टाफ बदलने की प्रवृत्ति के लिए पीसीबी की आलोचना की है।
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मिस्बाह ने हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से कहा, अगर आप बोर्ड की नीतियों को देखें तो विदेशी कोचों की तो बात ही छोड़ दें, मुझे नहीं लगता कि हमारे स्थानीय कोच भी पीसीबी के साथ काम करना चाहते हैं। पाकिस्तान क्रिकेट को इतने अव्यवस्थित तरीके से नहीं चलाया जाना चाहिए और हमें टीम प्रबंधन, चयनकर्ता और खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाने की जरूरत है। दुर्भाग्य से पाकिस्तान में बोर्ड नेतृत्व में बदलाव से सब कुछ बदल जाता है।
उन्होंने कहा कि, हमें कुछ अन्य देशों की प्रणालियों को भी देखना होगा जो सफल हैं। क्यों नहीं, मुझे लगता है कि आप प्रारूप की जरूरतों के अनुसार सर्वश्रेष्ठ कप्तान चुन सकते हैं। अगर कोई खिलाड़ी मान लीजिए दो महीने के लिए फ्री है तो उसे लीग में जाकर पैसे कमाने की इजाजत क्यों नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन हां विश्व कप से पहले खिलाड़ियों को इजाजत देना एक बड़ी गलती थी।
मिस्बाह ने कहा, यह हमारी क्रिकेट प्रणाली पर एक तमाचा है कि हम एक हाई-प्रोफाइल फुल टाइम कोच नहीं ढूंढ पा रहे हैं। यह शर्म की बात है कि सर्वश्रेष्ठ लोग आना नहीं चाहते और हम किसी ऐसे व्यक्ति को लाने पर जोर दे रहे हैं जो पाकिस्तान को दूसरे विकल्प के रूप में देख रहा हो।
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