भारतीय टीम के पूर्व टेस्ट कप्तान दत्ताजीराव गायकवाड़, जिन्होंने देश में सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर का रिकॉर्ड अपने नाम कर रखा था, उनका मंगलवार को बड़ौदा के अपने निवास पर निधन हो गया। दत्ताजीराव गायकवाड़ की उम्र 95 साल थी। दत्ताजीराव गायकवाड़ ने भारत के लिए 9 साल के टेस्ट करियर में 11 मैच खेले, जिसमें चार में कप्तानी की
भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने सोशल मीडया के जरिये दत्ताजीराव गायकवाड़ के निधन पर शोक व्यक्त किया और याद किया कि कैसे पूर्व कप्तान ने क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं की पहचान की। 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू करने वाले दत्ताजीराव गायकवाड़ ने 2016 में दीपक शोधन की मृत्यु के बाद भारत के सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर का तमगा पाया था। दीपक शोहधन का 87 की उम्र में निधन हुआ था।
पीटीआई ने जानकारी दी कि दत्ताजी पिछले 12 दिनों से बड़ौदा के अस्पताल में आईसीयू में जिंदगी की जंग लड़ रहे थे। इरफान पठान ने अपने पोस्ट में लिखा, ''मोतीबाग क्रिकेट मैदान में बरगद के पेड़ की छाया के नीचे, अपनी नीली मारुति कार से, भारतीय कप्तान डी.के. गायकवाड़ सर ने अथक परिश्रम से बड़ौदा क्रिकेट के लिए युवा प्रतिभाओं की खोज की और हमारी टीम के भविष्य को आकार दिया। उनकी कमी बहुत खलेगी। क्रिकेट जगत के लिए बड़ा नुकसान।
दत्ताजीराव गायकवाड़ पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशूमन गायकवाड़ के पिता हैं। अंशूमन गायकवाड़ ने 1975 से 1987 के बीच 40 टेस्ट और 15 वनडे में भारत का प्रतिनिधित्व किया। दत्ताजीराव गायकवाड़ ने अपने टेस्ट करियर में 11 मैचों में एक अर्धशतक की मदद से 350 रन बनाए। उन्होंने 1959 में इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की सीरीज के दौरान भारतीय टीम का नेतृत्व किया। दौरे पर 1000 से ज्यादा रन बनाने के बावजूद दत्ताजीराव अपने फॉर्म को टेस्ट सीरीज में बरकरार रखने में नाकाम रहे।
दत्ताजीराव गायकवाड़ ने बड़ौदा के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया। उनका घरेलू क्रिकेट करियर 17 साल का रहा। 1947 से 1964 के बीच दत्ताजीराव गायकवाड़ ने 110 मैचों में 17 शतक और 23 अर्धशतकों की मदद से 5788 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में नाबाद 249 रन रहा। दत्ताजीराव गायकवाड़ ने अपना आखिरी टेस्ट पाकिस्तान के खिलाफ 1961 में चेन्नई में खेला था।