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Ind vs Eng 1st T20I: मोदी स्टेडियम में टी20 सीरीज के दौरान पचास फीसद दर्शकों की अनुमति, लेकिन सवाल यह है कि...

Know more about AdityaBy Aditya - March 12, 2021 11:34 AM

Ind vs Eng 1st T20I: नाथवानी ने कहा कि कोविड-19 से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है. प्रशंसकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कार्य बल समितियों का गठन किया गया है. उन्होंने बताया, ‘दर्शकों की सुरक्षा को देखते हुए पूरे स्टेडियम को ‘सैनेटाइज (साफ)’ कर दिया गया है. कोविड-19 से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है.

अहमदाबाद: गुजरात क्रिकेट संघ (जीसीए) ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यहां नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) में भारत-इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली पांच मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के दौरान 50 प्रतिशत दर्शकों को अनुमति देने का फैसला किया है. शुक्रवार (आज) से शुरू होने वाली इस श्रृंखला का आखिरी मुकाबला 20 मार्च को खेला जाएगा. जीसीए के उपाध्यक्ष धनराज नाथवानी ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा, ‘हम सभी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए नरेंद्र मोदी स्टेडियम में बैठने की क्षमता का केवल 50% उपयोग करने जा रहे हैं.'

नाथवानी ने कहा कि कोविड-19 से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है. प्रशंसकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कार्य बल समितियों का गठन किया गया है. उन्होंने बताया, ‘दर्शकों की सुरक्षा को देखते हुए पूरे स्टेडियम को ‘सैनेटाइज (साफ)' कर दिया गया है. कोविड-19 से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू करने और उनका पालन करने के लिए विशेष कार्य बल समितियों का गठन किया गया है.' इंग्लैंड के टीम की इस भारतीय दौरे पर चेन्नई में खेले गये पहले टेस्ट मैच के बाद सभी मैचों में स्टेडियम की क्षमता के 50 प्रतिशत दर्शकों को मंजूरी दी गयी थी. वैसे यह क्रिकेटप्रेमियों के लिहाज से यह अच्छा फैसला है, लेकिन एक ऐसे समय में जब महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में फिर से इजाफा हुआ है, तो कहीं यह फैसला प्रशासकों के लिए उलट न पड़ जाए. वास्तव में यह फैसला अपने आप में किसी जोखिम से कम नहीं हैं क्योंकि अगर दो-तीन केस भी निकल आए, तो फिर जीसीए को स्टेडियम के दरवाजे पूरी तरह बंद करने पड़ेंगे. साथ ही, मीडिया भी खिलाड़ियों के खतरे को लेकर भी सवाल खड़े करने शुरू कर देगा.

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