भारतीय क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के बीच इन दिनों 5 मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेली जा रही है। सीरीज के 4 मुकाबले खेले जा चुके हैं। कंगारू टीम सीरीज में 2-1 से आगे है। सीरीज का आखिरी टेस्ट सिडनी में खेला जाएगा। इस मुकाबले की शुरुआत 3 जनवरी 2025 से होगी। रोहित शर्मा एंड कंपनी की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर सीरीज में 2-2 की बराबरी करने पर होगी।
सिडनी में होने वाला आखिरी टेस्ट मैच पिंक टेस्ट के नाम से भी जाना जाएगा। ऐसे में फैंस के मन में सवाल उठ रहा है कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के आखिरी मैच को पिंक टेस्ट क्यों कहा जा रहा है। तो आपको बता दें कि पिंक टेस्ट की शुरुआत 2009 में हुई। साल के पहले टेस्ट मैच को पिंक टेस्ट कहा जाता है। हालांकि, यह टेस्ट पिंक नहीं रेड बॉल से ही खेला जाता है।
पिंक टेस्ट के दौरान सिडनी स्टेडियम गुलाबी नजर आने वाला है। स्टैंड, स्टाफ से लेकर प्लेयर्स की जर्सी तक सभी पर गुलाबी रंग देखने को मिलेगा। मैच के दौरान कंगारू प्लेयर गुलाबी टोपी में नजर आएंगे। इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया के प्लेयर की जर्सी पर उनका नाम और जर्सी नंबर गुलाबी रंग से लिखा होगा।
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