भारत के दिग्गज बल्लेबाज और पूर्व कोच राहुल द्रविड़ के बेटे को निराशा हाथ लगी है। लीग की नीलामी में किसी भी फ्रेंचाइजी ने उनमें रूचि नहीं दिखाई और नतीजा ये रहा कि वह इस सीजन महाराज ट्रॉफी में नहीं खेल सकेंगे। समित को जूनियर क्रिकेटर्स की सी कैटेगरी में रखा गया था।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच राहुल द्रविड़ के बेटे समित ने अपने प्रदर्शन से घरेलू क्रिकेट में जमकर सुर्खियां बटोरी हैं। बावजूद इसके उन्बें कर्नाटक की टी20 लीग में कोई खरीदार नहीं मिला है। कर्नाटक की महाराज ट्रॉफी के चौथे सीजन की नीलामी मंगलवार को हुई जिसमें समित को कोई खरीदार नहीं मिला। भारत के लिए खेल चुके देवदत्त पडिक्कल नीलामी में सबसे महंगे खिलाड़ी रहे।
पडिक्कल को हुबली टाइगर्स ने 13.20 लाख में अपने नाम किया। अभिनव मनोहर और मनीष पांडे भी जमकर पैसा कमाने में सफल रहे। हुबली ने अभिनव को 12.2 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा तो वहीं पांडे को इतनी ही कीमत में मैसूर वॉरियर्स ने खरीदा। गेंदबाजों में शिवामोग लायंस ने विदवथ केवरप्पा को 10.80 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा।
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समित द्रविड़ पिछले सीजन लीग का हिस्सा थे, लेकिन इस बार उनका दामन खाली रहा। इस सीजन की नीलामी में उन्हें जूनियर क्रिकेटर्स की सी कैटेगरी में रखा गया था। हालांकि, बाद में जब सभी टीमों द्वारा खरीदे गए खिलाड़ियों की लिस्ट सामने आई तो उसमें समित का नाम नहीं था। इसका साफ मतलब है कि समित 11 से 27 अगस्त के बीच खेली जाने वाली इस लीग में खेलते हुए दिखाई नहीं देंगे।
पिछले सीजन वह मैसूर वॉरियर्स का हिस्सा थे जिसने उनके लिए 50,000 रूपये की कीमत चुकाई थी। सात पारियों में उन्होंने मिडिल ऑर्डर में बैटिंग की थी। उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। उनके बल्ले से सिर्फ 82 रन निकले थे जो उन्होंने 114 की स्ट्राइक रेट से बनाए थे। वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारत की अंडर-19 टीम में चुने गए थे, लेकिन घुटने की चोट के कारण बाहर हो गए थे।
घरेलू क्रिकेट के एक और बड़े नाम के गौतम को मैसूर ने अपने नाम किया है। इस ऑलराउंडर के लिए उन्होंने 4.40 लाख रुपेय की कीमत चुकाई है। वहीं श्रेयस गोपाल को मैंगलुरू ड्रैगंस ने 8.60 लाख रुपये की कीमत में खरीदा है। अभी भी टीमों दो खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ सकती हैं और इसी के बाद टीम पूरी होगी।
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