Sudden Heart Attak : क्या टीकाकरण के कारण दिल के दौरे बढ़ रहे हैं?
पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि देश के कई हिस्सों में अचानक हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। डीजे पर डांस करते हुए, पार्टी एन्जॉय करते हुए और ऑफिस में काम करते हुए आपने हार्ट अटैक और उससे होने वाली मौतों के बारे में सुना होगा। अचानक हार्ट अटैक के मामलों ने एक बार फिर लोगों में डर बढ़ा दिया है। युवाओं, खासकर अच्छी फिटनेस वाले लोगों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या इन घटनाओं के लिए कोविड वैक्सीन जिम्मेदार है या कुछ और? हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ रहे हैं? आइए डॉक्टर से इसे समझते हैं।
heart attack victims
सोशल मीडिया पर हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को लेकर खूब चर्चा हो रही है। कई यूजर लिखते हैं, कोविड वैक्सीनेशन की वजह से युवाओं में यह खतरा बढ़ा है, वैक्सीन ले चुके लोगों में ऐसे मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।
31 मई को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान एक रिटायर्ड फौजी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसी तरह 3 जून को मुंबई के मीरा रोड इलाके में क्रिकेट खेलते समय एक युवक अचानक गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट मानी जा रही है, हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इसी तरह जनवरी में नोएडा में ग्राउंड पर खेलते समय एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
Why are heart attack cases increasing, know from the doctor
डॉ निरंजन कहते हैं, हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले किसी भी उम्र के व्यक्ति में हो सकते हैं। रिटायर्ड फौजी की मौत पहले हार्ट अटैक और फिर कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई होगी। इसी तरह युवाओं में सडेन कार्डियक अरेस्ट के मामले भी अधिक देखे जाते रहे हैं। जिन युवाओं को पहले से ही हृदय रोगों से संबंधित समस्याएं रही हैं उनमें कार्डियक अरेस्ट का खतरा अधिक हो सकता है।
यहां जानना जरूरी है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दो अलग-अलग समस्याएं हैं। कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज बढ़ने या किसी कारणवश इसके अवरुद्ध होने के कारण दिल का दौरा पड़ सकता है। इसमें तुरंत सीपीआर और अन्य उपायों की मदद से रोगी की जान बचाई जा सकती है। हालांकि कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब हृदय रक्त को पंप करना बंद ही कर देता है, इसे अधिक घातक माना जाता है।
Has the risk increased due to vaccination?
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामलों ने कोविड वैक्सीन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, हाल ही में वैक्सीन निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना था कि दुर्लभ स्थितियों में वैक्सीन से खून के थक्के जमने और हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। डॉ. निरंजन कहते हैं, यह बात बेबुनियाद है कि वैक्सीन की वजह से हार्ट अटैक बढ़ रहे हैं। अध्ययनों से यह भी साफ हो चुका है कि वैक्सीन लेने के तुरंत बाद इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं, हालांकि ऐसे मामले भी दुर्लभ हैं। इतने लंबे समय बाद इसके खतरे नहीं दिखते।
How can life be saved after a heart attack?
डॉ. निरंजन कहते हैं कि हार्ट अटैक आने पर अगर मरीज को तुरंत सीपीआर देकर आपातकालीन चिकित्सा मिल जाए तो जान बच सकती है। हालांकि, कार्डियक अरेस्ट के 90 फीसदी मामलों में सीपीआर या अन्य उपायों के लिए समय नहीं होता। हृदय रोगों के मामले में सीपीआर कारगर तरीका हो सकता है। इसके बारे में सभी को जानना जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति को सीने में दर्द, अकड़न, कंधे-हाथ गर्दन-जबड़े में दर्द, सीने में जलन या चक्कर आने जैसे हार्ट अटैक के लक्षण दिख रहे हैं तो उसे तुरंत सीपीआर और आपातकालीन चिकित्सा के लिए ले जाएं।
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