धार्मिक मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है। सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि का बेहद खास महत्व है क्योंकि यह पर्व महादेव के प्रिय महीने में पड़ता है। इस दिन व्रत करने से जातक को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और इसके अगले दिन यानी 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में सावन शिवरात्रि का पर्व 02 अगस्त को मनाया जाएगा।
मासिक शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर देवी-देवताओं का ध्यान करके दिन की शुरुआत करें। इसके बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब सूर्य देव को जल अर्पित करें। मंदिर की सफाई करें और चबूतरे पर साफ कपड़ा बिछाएं। अब भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। कच्चे दूध, गंगाजल और जल से भगवान शिव का अभिषेक करें और बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि चढ़ाएं। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और शिव मंत्रों का जाप करें। शिव चालीसा का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है। अंत में खीर, फल और हलवे का भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद बांटें।
विवाह में आ रही बाधा को दूर करने के लिए सावन सोमवार को महादेव का अभिषेक करें। साथ ही शीघ्र विवाह होने की प्रार्थना करें। यह टोटका करने से विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है।