अगर आप अपने दिन की शुरुआत सही समय और सही ऊर्जा के साथ करना चाहते हैं, तो आज का पंचांग जानना बेहद जरूरी हो जाता है। 21 दिसंबर 2025, रविवार का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से खास संयोग लेकर आया है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, शुभ नक्षत्र, योग और ग्रहों की स्थिति आज के दिन को विशेष बनाती है।
दैनिक जीवन में पूजा-पाठ, व्रत, यात्रा, नया काम शुरू करने या किसी शुभ निर्णय से पहले पंचांग देखना भारतीय परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। आइए जानते हैं आज का संपूर्ण पंचांग, आसान और भरोसेमंद जानकारी के साथ।
आज का पंचांग: 21 दिसंबर 2025 (रविवार)
| तिथि | प्रतिपदा - सुबह 09:10 तक |
| पक्ष | शुक्ल पक्ष |
| नक्षत्र | पूर्वाषाढ़ा - रात 27:26 तक |
| योग | वृद्धि - 16:29 तक |
| वार | रविवार |
| चंद्र राशि | धनु |
| मास | पौष |
| विक्रम संवत | 2082 |
| शक संवत | 1947 (विश्वावसु) |
आज के शुभ मुहूर्त और अशुभ समय
शुभ कार्यों के लिए सही समय का चयन सफलता की संभावना बढ़ाता है, वहीं अशुभ समय से बचना भी उतना ही जरूरी है।
आज का शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 11:58 से 12:39 तक
यह समय लगभग हर प्रकार के शुभ कार्य के लिए श्रेष्ठ माना जाता है, खासकर जब अन्य मुहूर्त उपलब्ध न हों।
आज का राहुकाल
राहुकाल: 16:08 से 17:24 तक
इस अवधि में नए या महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचना चाहिए।
सूर्योदय और सूर्यास्त समय
सूर्योदय: 07:13
सूर्यास्त: 17:24
दिन की योजना बनाते समय सूर्योदय और सूर्यास्त का समय विशेष महत्व रखता है, खासकर पूजा और व्रत के दौरान।
आज के करण
प्रथम करण: बावा - 09:10 तक
द्वितीय करण: बालवा - 22:01 तक
करण का उपयोग विशेष रूप से मुहूर्त निर्धारण और शुभ-अशुभ फल जानने के लिए किया जाता है।
हिंदू पंचांग क्या है और क्यों है जरूरी
हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग भी कहा जाता है। यह समय और काल की सूक्ष्म गणना पर आधारित होता है। पंचांग के माध्यम से हम यह समझ पाते हैं कि कौन सा समय हमारे लिए अनुकूल है और किस समय सावधानी बरतनी चाहिए।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है, जिन्हें जीवन के हर निर्णय में मार्गदर्शक माना गया है।
पंचांग के पांच अंग विस्तार से
1. तिथि
तिथि चंद्रमा और सूर्य के आपसी कोण पर आधारित होती है। एक माह में कुल 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है।
तिथियों के नाम:
प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या और पूर्णिमा।
2. नक्षत्र
आकाश मंडल में स्थित तारों के समूह को नक्षत्र कहा जाता है। कुल 27 नक्षत्र होते हैं और प्रत्येक नक्षत्र का स्वामी ग्रह होता है।
प्रमुख नक्षत्रों में शामिल हैं:
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती।
3. वार
सप्ताह के सात दिनों को वार कहा जाता है और प्रत्येक वार का संबंध एक ग्रह से होता है।
सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार ये सभी वार हमारे कार्यों और मनोदशा पर प्रभाव डालते हैं।
4. योग
योग सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरी से बनते हैं। कुल 27 योग होते हैं, जो शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं।
आज का वृद्धि योग कार्यों में प्रगति, स्थिरता और सकारात्मक परिणाम देने वाला माना जाता है।
5. करण
एक तिथि के दो भागों को करण कहा जाता है। कुल 11 करण होते हैं।
विशेष रूप से विष्टि करण, जिसे भद्रा कहा जाता है, में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
आज का पंचांग क्यों है खास
21 दिसंबर 2025 का दिन वृद्धि योग, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और धनु राशि में चंद्रमा के कारण आत्मविश्वास, विस्तार और नई योजनाओं के लिए अनुकूल संकेत देता है। यदि आप किसी नए कार्य की शुरुआत, धार्मिक अनुष्ठान या महत्वपूर्ण निर्णय लेने की सोच रहे हैं, तो आज का पंचांग आपकी सही दिशा में मदद कर सकता है।
दैनिक पंचांग सिर्फ तिथि या राहुकाल की जानकारी नहीं देता, बल्कि यह हमारे जीवन को संतुलन, अनुशासन और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ाने का मार्गदर्शन करता है। आज का पंचांग पढ़कर आप अपने दिन को अधिक सार्थक और सफल बना सकते हैं।
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