Maha Kumbh Stampede: महाकुंभ मेले में मची भगदड़ में प्रशासन ने हताहतों की संख्या का खुलासा कर दिया है। महाकुंभ नगर में तैनात डीआईजी वैभव कृष्ण ने हादसे के पीछे की असली वजह का भी खुलासा किया है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस भगदड़ में कुल 60 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 36 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. अन्य लोगों को प्राथमिक उपचार दिया गया. विजय किरण आनंद और वैभव कृष्ण डीआईजी महाकुंभ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ना चाहते थे, जिसके चलते यह हादसा हुआ.
डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पहले भीड़ का भारी दबाव था. तभी बैरिकेडिंग टूट गई. प्रशासन ने 90 लोगों को अस्पताल पहुंचाया. 36 घायलों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है. 25 मृतकों की पहचान हो जाने के बाद अन्य 5 की पहचान की जा रही है. मेला क्षेत्र और अखाड़ों के कुछ बैरिकेडिंग टूटने की वजह से यह हादसा हुआ. भाग रहे श्रद्धालुओं के पैरों तले जमीन पर लेटे श्रद्धालु कुचल गए.
डीआईजी ने यह भी कहा कि आज मेला प्रशासन में कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था। श्रद्धालु ब्रह्ममुहूर्त का इंतजार कर रहे थे। तभी पीछे से भीड़ का दबाव पड़ा और यह हादसा हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भीड़ के दबाव के चलते भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने घटना के बाद स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया। लोगों का कहना है कि यूपी पुलिस के जवानों की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण बड़ा हादसा होते-होते रह गया। हादसे में फंसे एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि पुलिस के जवान हमारे लिए ईश्वर के दूत बनकर आए, नहीं तो बड़ी संख्या में लोगों की जान जा सकती थी। बता दें कि मौनी अमावस्या के चलते महाकुंभ मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। बीती रात से ही श्रद्धालु शुभ मुहूर्त में संगम में डुबकी लगाने के लिए तैयार थे।
इसी बीच भगदड़ जैसी दुर्घटना घट गई। जिसके बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया। साथ ही मेला क्षेत्र में नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया। वाहनों के प्रवेश पास निरस्त कर दिए गए। सड़क को वन-वे कर दिया गया। प्रयागराज से सटे 5 जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोक दिया गया। पूरे शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।