सनातन धर्म में चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। इस दिन हनुमान जी की भी पूजा की जाती है। पूर्णिमा तिथि पर सत्यनारायण पूजा भी की जाती है। इस साल चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को है। पूर्णिमा तिथि पर दान करने का विशेष विधान है।
धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान कर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख-सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। अगर आप भी लक्ष्मी नारायण जी की कृपा पाना चाहते हैं तो चैत्र पूर्णिमा के दिन स्नान-ध्यान के बाद भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा करें। साथ ही पूजा के बाद अपनी राशि के अनुसार इन चीजों का दान करें।
Sharad Purnima Upay
- मेष राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा के दिन अनार, टमाटर, गेहूं और रागी का दान करें।
- वृषभ राशि के जातक हनुमान जन्मोत्सव के दिन दूध, दही, चावल, आटा और नमक का दान करें।
- मिथुन राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा के दिन साबुत मूंग, हरी सब्जी और फल का दान करें।
- कर्क राशि के जातक हनुमान जन्मोत्सव के दिन चावल, शक्कर और नारियल का दान करें।
- सिंह राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा के दिन सेब, गुड़, मूंगफली और मूंगफली का दान करें।
- कन्या राशि के जातक हनुमान जन्मोत्सव के दिन लोगों के शर्बत या गन्ने के रस का वितरण करें।
- तुला राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा के दिन नारियल, सफेद वस्त्र और शक्कर का दान करें।
- वृश्चिक राशि के जातक हनुमान जन्मोत्सव के दिन बादाम, तांबे के बर्तन, लाल चंदन का दान करें।
- धनु राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा के दिन चने की दाल, बेसन के लड्डू और पके केले का दान करें।
- मकर राशि के जातक हनुमान जन्मोत्सव के दिन काले तिल, वस्त्र और धन का दान करें।
- कुंभ राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा के दिन चमड़े के जूते-चप्पल, बैग, छाता का दान करें।
- मीन राशि के जातक हनुमान जन्मोत्सव के दिन खिचड़ी बनाकर जरूरतमंदों के मध्य वितरित करें।
Mantras of Hanuman Ji
1. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
2. ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
3. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
4. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय
रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति
भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।
5. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।