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धनतेरस ( Dhanteras), दिवाली महोत्सव का पहला और बेहद महत्वपूर्ण पर्व, इस साल शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है और इसे धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की देवी लक्ष्मी तथा आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा के लिए विशेष माना जाता |
धनतेरस कब है 18 या 19 अक्टूबर ?
धनतेरस 2025 की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर दोपहर 12:19 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे तक रहेगी। इसका मतलब है कि मुख्य पूजा और खरीदारी 18 अक्टूबर, शनिवार को ही की जाती है, जबकि तिथि आधिकारिक रूप से 19 अक्टूबर तक है। ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ मुहूर्त और पूजा का समय 18 अक्टूबर शाम को सबसे उपयुक्त माना जाता है।
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धनतेरस 2025 की तिथि और समय
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: शनिवार, 18 अक्टूबर दोपहर 12:19 बजे
- त्रयोदशी तिथि समाप्त: रविवार, 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे
शुभ मुहूर्त
- मुख्य पूजन मुहूर्त: शाम 7:14 से 9:10 बजे तक
- खरीदारी का शुभ समय: दोपहर 12:20 से 4:20 बजे और शाम 5:45 से 7:20 बजे तक
- यमदीपदान: सूर्यास्त के बाद
धनतेरस 2025 के खास योग
ज्योतिषाचार्य सचिन कुमार दुबे के अनुसार, इस दिन चंद्रमा, शुक्र और सूर्य के विशेष संयोग से धन, सुख और आरोग्य की प्राप्ति होगी।
- चंद्र और शुक्र का मेल भाग्यवर्धक
- सूर्य के नक्षत्र में चंद्रमा स्वास्थ्य का वरदान देंगे
- शनिदेव की कृपा से धनतेरस और भी खास रहेगा
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पूजा और परंपराएं
धनतेरस पर घरों और बाजारों में विशेष तैयारी रहती है। इस दिन:
- माता लक्ष्मी और धन्वंतरि की पूजा की जाती है
- यमदीप जलाकर दीर्घायु और समृद्धि की कामना की जाती है
- सोना, चांदी, नए बर्तन और शुभ सामग्री की खरीदारी की जाती है
बाजारों में भीड़ और सुरक्षा
मैनपुरी सहित अन्य शहरों में धनतेरस के मौके पर बाजारों में भारी भीड़ रहती है। इस साल भी यातायात पुलिस ने विशेष तैयारियां की हैं।
- अधिक भीड़ वाले इलाकों में 100 अतिरिक्त जवान तैनात
- दुकानदारों को सड़क पर सामान न लगाने की चेतावनी
- भीड़ और जाम की समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए गश्त
धनतेरस 2025: क्यों है खास
धनतेरस न केवल धन और समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि यह स्वास्थ्य और आयुर्वेद का पर्व भी है। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा और खरीदारी करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
निष्कर्ष:
धनतेरस 2025 18 अक्टूबर, शनिवार को विशेष शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा। हालांकि तिथि आधिकारिक रूप से 19 अक्टूबर तक है, मुख्य पूजा और खरीदारी का समय 18 अक्टूबर को ही है। इस दिन पूजा और खरीदारी का महत्व अत्यधिक है, और यह पर्व सभी के जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख लेकर आता है।
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