By Aditya
October 30, 2025
हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी को अत्यंत पवित्र और शुभ त्योहार माना जाता है। यह हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि (एकादशी) पर आता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान लक्ष्मीनारायण की आराधना
देवउठनी एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से आपके रुके हुए या कठिन कार्य धीरे-धीरे सुलझने लगते हैं। यह पर्व इस वर्ष 1 नवंबर को मनाया जाएगा।
आज हम जानेंगे एक शक्तिशाली स्तोत्र के बारे में, जिसका देवउठनी एकादशी के दिन पाठ करने से आपका भाग्य उदय हो सकता है।
यह सूचना संतान गोपाल स्तोत्रम् के संबंध में है। यह माना जाता है कि देवउठनी एकादशी के शुभ अवसर पर इस स्तोत्रम् का पाठ करने से आपके रुके हुए कार्य धीरे-धीरे सफल हो सकते हैं और जीवन में प्रगति (तरक्की) क
श्रीशं कमलपत्राक्षं देवकीनन्दनं हरिम् । सुतसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि मधुसूदनम् ॥1॥ नमाम्यहं वासुदेवं सुतसम्प्राप्तये हरिम् । यशोदांकगतं बालं गोपालं नन्दनन्दनम् ॥
अस्माकं पुत्रलाभाय गोविन्दं मुनिवन्दितम् । नमाम्यहं वासुदेवं देवकीनन्दनं सदा ॥ गोपालं डिम्भकं वन्दे कमलापतिमच्युतम् । पुत्रसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि यदुपुंगवम् ॥
पुत्रकामेष्टिफलदं कंजाक्षं कमलापतिम् । देवकीनन्दनं वन्दे सुतसम्प्राप्तये मम ॥ पद्मापते पद्मनेत्र पद्मनाभ जनार्दन । देहि में तनयं श्रीश वासुदेव जगत्पते ॥
यशोदांकगतं बालं गोविन्दं मुनिवन्दितम् । अस्माकं पुत्रलाभाय नमामि श्रीशमच्युतम् ॥ श्रीपते देवदेवेश दीनार्तिहरणाच्युत । गोविन्द मे सुतं देहि नमामि त्वां जनार्दन ॥